Friday, August 15, 2008

वक्त वक्त का फेर

देखिये जी ये सब वक्त वक्त की बात है, वक्त की वजह से ही बड़े बड़े करोड़ पति, रोड पतियों में तब्दील हो गए। पर आज के दिन मुझे पतियों की बात नहीं करनी चाहिए, क्योंकि आज तो स्वतंत्रता की बात करनी है ............... की नहीं।
मैं कह रहा था कि वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है, अब जैसे देखिये अगर आज १५ अगस्त नहीं होता और १४ फरवरी होता, या मित्रता दिवस होता, तो लोग एस. एम. एस की भीड़ लगा देते पर आज १५ अगस्त था, इसलिए मेरे मोबाइल के इन्बोक्स में बस दो एस एम एस ए हैं पहला कल रात को भेजा गया था लेट पहुँचा और दूसरा मोबाइल कंपनी की ओर से भेजा गया था।
वक्त वक्त की बात है।

(वैसे सही सही बताऊँ की ये मैसेज अभी अभी मुझे मेरे मोबाइल पे मिला था। )

4 comments:

Udan Tashtari said...

मोबाइल का नम्बर दे देते तो ३ हो जाते. एक हम भी भेजते न!! :)

स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

Asha Joglekar said...

sahi kaha wakt wakt ki bat hai. par aapko Azadi ki warsh ganth mubarak ho.

संगीता पुरी said...

आजादी का महत्व सब भूल गए हैं , वे यह नहीं जानते कि आजादी के बाद ही प्यार ,मुहब्बत और दोस्ती है।

Nitish Raj said...

सही कहा बंधु लेकिन बहुत कम ही इस बात को समझते हैं।