Thursday, August 21, 2008

हड़ताल, बंद और चक्का जाम

झील पे पानी बरसता है मेरे देस में । खेत पानी को तरसता है मेरे देस में।
दीवानों और पागलों के सिवा और कौन हंसता है मेरे देस में।

और मुझे फिर से हँसी आ रही है।

क्योंकि आज राजस्थान में पेट्रोल पम्पों की हड़ताल का दूसरा दिन है। सुनने में आ रहा है की आने वाले वक्त में कुछ और तरह की हड़तालें और चक्का जाम प्रस्तावित हैं।

तो एन्जॉय कीजिये इन हड़तालों को, चक्का जामों को, बन्दों को और अगर वक्त मिल जाए तो कभी कभी इस देश के बारे में भी सोच लिया करें या उसके लिए भी हड़ताल करनी पड़ेगी ।

1 comment:

दिनेशराय द्विवेदी said...

हड़ताल कल शाम ही समाप्त हो चुकी है। पेट्रोल पंप वाले माल बेचने और खरीददार खरीदने को बहुत बैचेन दिखे।